Add To collaction

लेखनी कहानी -16-Sep-2022 स्त्री

आंखों से प्यार बरसाती है 
अधरों पे कोमल सुर सजाती है 
बाहों में समेट लेती है सारा जहां 
सब पर ममता , करुणा लुटाती है 
देवता भी जिसकी पूजा करते हैं
ईश्वर भी आदि शक्ति को नमन करते हैं
ये वो शक्ति पुंज है, जिसे स्त्री कहते हैं 
जब जिद पे आती है, यम को भी झुकाती है 
लक्ष्मी का अवतार है स्त्री 
ज्ञान का अनोखा भंडार है स्त्री 
दुर्गा के रूप में राक्षसों का संहार है स्त्री 
सबकी पालनहार है स्त्री 
मत खेलो इससे नष्ट हो जाओगे 
ना डालो कुत्सित नजर, पथभ्रष्ट हो जाओगे 
स्त्री का सम्मान करना सीख लो 
नहीं तो जड़ से समाप्त हो जाओगे 

श्री हरि 
16.9.22 


   19
7 Comments

Achha likha hai 💐

Reply

लाजवाब लाजवाब जबरदस्त

Reply

Gunjan Kamal

16-Sep-2022 07:19 PM

बेहतरीन

Reply